आस्था

Aaj Ka Panchang, 7 April 2025 : आज चैत्र शुक्ल दशमी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 7 April 2025 (आज का पंचांग 7 अप्रैल 2025): हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व होता है, जिनमें सोमवार का स्थान अत्यंत ही पावन माना जाता है। सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही और बेलपत्र अर्पित करते हैं। इस दिन भोलेनाथ का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित स्त्रियों के लिए ये व्रत सुखद वैवाहिक जीवन का प्रतीक है। प्राचीन ग्रंथों में वर्णन है कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोमवार का संबंध चंद्रमा से है, जो मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य, कल्पनाशक्ति और पारिवारिक जीवन को प्रभावित करता है। यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, तो सोमवार का व्रत और चंद्र मंत्रों का जाप लाभदायक सिद्ध होता है। आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल के बारे में जानने के ल‍िए यहां पढ़ें 7 अप्रैल 2025 का पंचांग।

आज का पंचांग 7 अप्रैल 2025 (Aaj Ka Panchang 7 April 2025)

  • संवत – पिङ्गला विक्रम संवत 2082
  • माह – चैत्र
  • तिथि – चैत्र माह शुक्ल पक्ष दशमी 08:04 पी.एम तक पुनः एकादशी
  • पर्व – नवरात्र पारण
  • दिवस – सोमवार
  • सूर्योदय – 06:09 ए.एम सूर्यास्त – 6:39 पी.एम
  • नक्षत्र – पुष्य 06:27 ए.एम तक फिर आश्लेषा
  • चंद्र राशि – कर्क, स्वामी – चंद्रमा
  • सूर्य राशि- मीन, स्वामी ग्रह-गुरु
  • करण – तैतिल 07:39 ए.एम तक फिर गरज
  • योग – धृति 06:21 पी.एम तक फिर शूल

आज के शुभ मुहूर्त

  1. अभिजीत – 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम तक
  2. विजय मुहूर्त – 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक
  3. गोधुली मुहूर्त – 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक
  4. ब्रह्म मुहूर्त – 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक
  5. अमृत काल – 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक
  6. निशीथ काल मुहूर्त – रात 11:43 से 12:25 तक रात
  7. संध्या पूजन – 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक

दिशा शूल – पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशा शूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त – राहुकाल – प्रातःकाल 07:30 बजे से 09:00 बजे तक

क्या करें – आज दशमी है। नवरात्रि व्रत का पारण है। भगवान शिव की उपासना करें। सोमवार व्रत रहें। ये व्रत,उपासना व शक्ति पूजा का पुण्य काल है। शिवपुराण का पाठ करें। भगवान शिव को समर्पित सोमवार का नियमित व्रत रहें।मन में हर पल भगवान शंकर के किसी भी नाम का जप करें। नियम पूर्वक व्रत व दान -पुण्य करना बहुत फलित होता है। शिव मंद‍िर परिसर में बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। दुर्गासप्तशती का भी नित्य पाठ करें। ब्रह्म मुहूर्त में शिव पुराण का पाठ बहुत फलदायी है। मन का सात्विक होना बहुत आवश्यक है। मंद‍िर में कीर्तन कराएं। भगवान शिव की आधी व माता दुर्गा मंदिर में माता की प्रतिमा की एक परिक्रमा करें। शिवलिंग पर गंगा जल व बेलपत्र अर्पित करें। गंगा जल शिव जी को बहुत प्रिय है। अन्न दान करें। शिव उपासना व्यक्ति को निर्भय बनाती है।

क्या न करें – असत्य का साथ मत दें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button