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न्यू आगरा शहर: यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान 2031 में शामिल, 12200 हेक्टेयर में बसेगा हरित और आधुनिक शहर

संचार नाउ। उत्तर प्रदेश के तेजी से विकसित हो रहे यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में अब एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2031 में “न्यू आगरा सिटी” को आधिकारिक मंजूरी मिल चुकी है। यह शहर आधुनिक सुविधाओं, हरित वातावरण और योजनाबद्ध विकास के मॉडल पर आधारित होगा।

12200 हेक्टेयर में फैला होगा हरित शहर

न्यू आगरा शहर को 12200 हेक्टेयर भूमि में बसाने की योजना है। यह क्षेत्र यमुना एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 156 से 165 तक फैला होगा। खास बात यह है कि यह शहर चंडीगढ़ की तर्ज पर ग्रीनलैंड सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें हर सेक्टर और सड़कों के साथ ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी।

सात प्रकार की सड़कें और सुनियोजित सेक्टर

न्यू आगरा सिटी में सेक्टर साइज 800 मीटर x 1200 मीटर रखा गया है। शहर में सात प्रकार की सड़कें होंगी — जिनमें फास्ट रोड बाहरी इलाकों को जोड़ेंगी और अंदरूनी हिस्सों के लिए रेजिडेंशियल रोड अलग से बनाए जाएंगे। इससे यातायात व्यवस्था बेहतर होगी और भीड़भाड़ से मुक्ति मिलेगी।

जमीन के उपयोग का अनुपात इस प्रकार रहेगा:

  • 29% रेजिडेंशियल

  • 5% कमर्शियल

  • 17% इंडस्ट्रियल

  • 4% मिक्स्ड यूज

  • 22% ग्रीन स्पेस

  • 7% पब्लिक और सेमी-पब्लिक सुविधाएं

  • 16% ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क

लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब होंगे केंद्र में

इस शहर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए इसमें मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब और ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा थीम पार्क, एम्यूज़मेंट पार्क और पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन स्पेस भी शहर की खूबसूरती और सुविधा को बढ़ाएंगे।

शिक्षा और स्वास्थ्य में भी नया मॉडल

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि शहर में स्कूल और अस्पताल को एक नए कांसेप्ट पर विकसित किया जाएगा, जिसमें सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह की संस्थाएं शामिल होंगी। इस परियोजना में 58 गांवों को शामिल किया गया है। यदि सहमति के आधार पर जमीन उपलब्ध होती है तो विकास प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी, लेकिन यदि अधिग्रहण करना पड़ा तो 2 वर्ष का समय लग सकता है।

यह परियोजना यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में आने वाले समय में रोजगार, निवेश और जीवन गुणवत्ता के नए अवसर लेकर आएगी। मास्टर प्लान के बाद अब जोनल प्लान की तैयारी की जा रही है, जिसे बोर्ड की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण का यह प्रयास उत्तर प्रदेश के भविष्य को हरित, सुव्यवस्थित और वैश्विक मानकों पर खड़ा करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी उद्योग होंगे स्थापित

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए केवल कम प्रदूषण वाले ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी के उद्योग स्थापित किए जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से:

  • इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक आइटम

  • सोलर मॉड्यूल

  • ऑप्टिकल लेंस

  • ईवी और हाइड्रोजन एनर्जी आधारित उद्योग शामिल होंगे।

इन उद्योगों का प्रदूषण स्तर 0-10% के बीच रहेगा, जिससे यह शहर वायु प्रदूषण की समस्या से बचा रहेगा।

पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

न्यू आगरा शहर में पर्यटन की दृष्टि से भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि यह क्षेत्र न केवल औद्योगिक केंद्र बने बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हो।

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