ग्रेटर नोएडाप्राधिकरण

यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा इंटरचेंज, केबिनेट से मिली मंजूरी

संचार नाउ। दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) को जोड़ने के लिए जल्द ही एक इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा। केबिनेट से इस इंटरचेंज को जोड़ने की मंजूरी मिल गई है। यह महत्वपूर्ण इंटरचेंज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा 122 करोड़ रुपये में तैयार किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में यातायात व्यवस्था और सुगम हो जाएगी।

चार लूप वाला इंटरचेंज:

इस इंटरचेंज में चार प्रमुख लूप बनाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को विभिन्न दिशाओं में सीधी और तेज आवाजाही की सुविधा मिलेगी। इससे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले शहरों के बीच ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और ईंधन व समय की बचत भी होगी।

लागत का बंटवारा:

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है हालांकि यहां पर NHAI के द्वारा पहले से ही काम शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना पर कुल खर्च ₹122 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें से NHAI वहन करेगा। नहीं के द्वारा इस इंटरचेंज पर चार लोग बने जाएंगे जबकि सेक्टरों से जोड़ने वाली सड़कों की लागत यमुना प्राधिकरण के द्वारा वाहन की जाएगी। इससे जेवर एयरपोर्ट और अन्य विकासशील क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।

टोल वसूली की स्थिति:

डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस इंटरचेंज को NHAI के द्वारा बनाया जा रहा है तो यहां पर टोल वसूली भी नही के द्वारा ही की जाएगी। हालांकि कि इस इंटरचेंज पर अलग से टोल नहीं वसूला जाएगा, लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे या ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर चढ़ने/उतरने पर पहले से लागू टोल दरें लागू रहेंगी। यानी यात्रियों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

नागरिकों को लाभ:

  • ट्रैफिक जाम से राहत

  • यात्रा समय में कमी

  • जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी और यमुना प्राधिकरण के सेक्टर्स को बेहतर कनेक्टिविटी

  • औद्योगिक और रिहायशी विकास को बढ़ावा

इस इंटरचेंज का बनना ग्रेटर नोएडा और पूरे वेस्ट यूपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। यह न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई गति देगा।

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